भाटि साहब ने अपनी अद्वितीय कृति 90 करोड़ की बरसात में जो श्रीलंका के प्रवास के दौरान प्रकाशित हुई थी, मैं स्पष्ट लिखा था कि एयर बैलून मैं टावर या पहाड़ों पर टावर लगाने से उसकी रेंज बढ़ सकती है या इन्हें हाइपर फ्रीक्वेंसी में कन्वर्ट किया जा सकता है ; जिसका लाभ तत्कालीन रिलायंस कंपनी ने उठाया और रिलायंस की सिम इंटीरियर क्षेत्रों में उस समय 20 साल पहले भी ठीक-ठाक कवरेज देती थी . इसके बाद 2008 में जब गांधी जी पागलखाने में पागल एसडीओ की बाई पगली संगीता हरामजादी की साफ सफा कर रहे थे उस समय 2008 में असीमित नोटों की धन वर्षा प्रकाशित हुई और इसमें 4G टावर का स्पष्ट विवरण दिया गया था जिसमें प्रत्येक मोबाइल जीपीएस हॉटस्पॉट्स के माध्यम से खुद टावर बन जाता है और यही कारण है कि रिलायंस की परिवर्तित जिओ सिम में कभी टावर जाता ही नहीं है . लगभग इसी प्रकार की स्थिति रोटी आंदोलन खेती करो के प्रकाशन के दौरान हुई कि जो अधो हस्ताक्षर कर्ता ने 22 से 24 जून 2015 तक तिहाड़ में 48 घंटे तक रोज के रोज लगातार प्रवचन दिए की माइक्रोवेव में इनबिल्ट माइक्रोवेव मैटेरियल के अलावा समस्त पदार्थों की जीव जंतुओं की क्षति हो सकती है जिससे कोरोना वायरस के टाटा बाय-बाय होने के उपरांत जमुनाबेन की चूत ने 4G के बजाय 5G टावर का लॉलीपॉप लाई है और इस लॉलीपॉप में 2 टन के टावर को कंप्रेस करके अट्ठारह सौ सत्तर गीगाहर्टज फ्रीक्वेंसी में मोबाइल में ही समाहित कर दिया गया है जिससे इंटरनेट की स्पीड तो बढ़ेगी, हो सकता है कि कॉलिंग की और वीडियो कॉलिंग की क्वालिटी भी सुधरे किंतु हम मनुष्य जिनके कम से कम पांच 7 साल और लोकतंत्र के सभी 5 स्तंभों के बिकने के बाद अस्तित्व में रहने की संभावना थी , वह सभी प्राणी 2024 का चुनावी सवेरा धंधा शायद नहीं देख पाएंगे और अगर अब भी मनुष्य गण चाहते हैं कि हम दिन दुगनी रात चौगुनी प्रगति ना करें बल्कि कम से कम जो जनसंख्या उत्पन्न हो गई है वह इतनी की ही इतनी स्थिर रह जाए तो इसके लिए भाटया साहब के व्यक्तित्व कृतित्व और लेखन को डी के भट्ट धर्म परिवर्तन के आंदोलन के माध्यम से अंगीकार और स्वीकार कर सत्ता परिवर्तन किया जा सकता है और नोट पर धरातल की सबसे चतुर महिला सरपंच राजकुमारी बघेल की फोटो लगाई जा सकती है किंतु अगर पूजा पाठ करना है तो सिर्फ भगवान बजरंग बघेल सरपंच पति की डीपी की फोटो की ही की जाए । जय हिंद जय भारत ।
सुकमा। सुकमा के एसपी ने अमित जोगी को पत्र लिखकर चिंतलनार यात्रा को स्थगित कर आगामी तारीख संशोधित करने का निर्णय लिया है. पत्र में लिखा है - माओवादी संगठन प्रतिवर्ष ग्रीष्म काल में TCOC के तहत क्षेत्र में लगातार किसी गंभीर घटना को अंजाम देने की कोशिश में रहते है। चिन्तलनार नक्सल दृष्टि से अतिसंवेदनशील है और माओवादियों की आमद रफ्त की लगातार आसूचनाएं प्राप्त हो रही है।
अति महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षित यात्रा के लिए डिमाइनिंग और रोड ओपनिंग पार्टी के लिए पर्याप्त समय की आवश्यकता होती है। अतः आपसे आग्रह है कि आज दिनांक 03.03.2023 की प्रस्तावित चिन्तलनार यात्रा को स्थागित करते हुए कोई संशोधित तिथि देने का कष्ट करें, जिससे कि पर्याप्त सुरक्षा के साथ सुरक्षित यात्रा सम्पन्न कराई जा सके।




भाटि साहब ने अपनी अद्वितीय कृति 90 करोड़ की बरसात में जो श्रीलंका के प्रवास के दौरान प्रकाशित हुई थी, मैं स्पष्ट लिखा था कि एयर बैलून मैं टावर या पहाड़ों पर टावर लगाने से उसकी रेंज बढ़ सकती है या इन्हें हाइपर फ्रीक्वेंसी में कन्वर्ट किया जा सकता है ; जिसका लाभ तत्कालीन रिलायंस कंपनी ने उठाया और रिलायंस की सिम इंटीरियर क्षेत्रों में उस समय 20 साल पहले भी ठीक-ठाक कवरेज देती थी . इसके बाद 2008 में जब गांधी जी पागलखाने में पागल एसडीओ की बाई पगली संगीता हरामजादी की साफ सफा कर रहे थे उस समय 2008 में असीमित नोटों की धन वर्षा प्रकाशित हुई और इसमें 4G टावर का स्पष्ट विवरण दिया गया था जिसमें प्रत्येक मोबाइल जीपीएस हॉटस्पॉट्स के माध्यम से खुद टावर बन जाता है और यही कारण है कि रिलायंस की परिवर्तित जिओ सिम में कभी टावर जाता ही नहीं है . लगभग इसी प्रकार की स्थिति रोटी आंदोलन खेती करो के प्रकाशन के दौरान हुई कि जो अधो हस्ताक्षर कर्ता ने 22 से 24 जून 2015 तक तिहाड़ में 48 घंटे तक रोज के रोज लगातार प्रवचन दिए की माइक्रोवेव में इनबिल्ट माइक्रोवेव मैटेरियल के अलावा समस्त पदार्थों की जीव जंतुओं की क्षति हो सकती है जिससे कोरोना वायरस के टाटा बाय-बाय होने के उपरांत जमुनाबेन की चूत ने 4G के बजाय 5G टावर का लॉलीपॉप लाई है और इस लॉलीपॉप में 2 टन के टावर को कंप्रेस करके अट्ठारह सौ सत्तर गीगाहर्टज फ्रीक्वेंसी में मोबाइल में ही समाहित कर दिया गया है जिससे इंटरनेट की स्पीड तो बढ़ेगी, हो सकता है कि कॉलिंग की और वीडियो कॉलिंग की क्वालिटी भी सुधरे किंतु हम मनुष्य जिनके कम से कम पांच 7 साल और लोकतंत्र के सभी 5 स्तंभों के बिकने के बाद अस्तित्व में रहने की संभावना थी , वह सभी प्राणी 2024 का चुनावी सवेरा धंधा शायद नहीं देख पाएंगे और अगर अब भी मनुष्य गण चाहते हैं कि हम दिन दुगनी रात चौगुनी प्रगति ना करें बल्कि कम से कम जो जनसंख्या उत्पन्न हो गई है वह इतनी की ही इतनी स्थिर रह जाए तो इसके लिए भाटया साहब के व्यक्तित्व कृतित्व और लेखन को डी के भट्ट धर्म परिवर्तन के आंदोलन के माध्यम से अंगीकार और स्वीकार कर सत्ता परिवर्तन किया जा सकता है और नोट पर धरातल की सबसे चतुर महिला सरपंच राजकुमारी बघेल की फोटो लगाई जा सकती है किंतु अगर पूजा पाठ करना है तो सिर्फ भगवान बजरंग बघेल सरपंच पति की डीपी की फोटो की ही की जाए । जय हिंद जय भारत ।
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